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कल्कि अवतार: विष्णु के अंतिम अवतार का महत्व और कलियुग का अंत

भूमिका (Introduction)- Kalki,सनातन धर्म में काल को चार युगों में विभाजित किया गया है – सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग। हर युग में भगवान विष्णु

माँ भुवनेश्वरी: ब्रह्मांड की रचयिता और सौम्यता की देवी

प्रस्तावना:- माता भुवनेश्वरी Mata bhuvneshwari दस महाविद्याओं में चतुर्थ स्थान पर विराजमान हैं और सम्पूर्ण ब्रह्मांड की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं। ‘भुवनेश्वरी’ शब्द का

माँ तारा की उपासना से दूर होती हैं मृत्यु और भय

प्रस्तावना:- माँ तारा देवी हिंदू धर्म की दस महाविद्याओं में से एक हैं और उन्हें ज्ञान, मुक्ति और रक्षा की देवी माना जाता है। उनका

जहां सबकुछ खत्म होता है, वहां से माता धूमावती की शुरुआत होती है

प्रस्तावना: -माता धूमावती दस महाविद्याओं में से सातवीं महाविद्या हैं, जो विधवा रूप में पूजी जाती हैं। उनका स्वरूप अत्यंत रहस्यमयी, भयावह और वैराग्य का

बगलामुखी देवी की तांत्रिक उपासना विधि और सिद्धि का रहस्य

प्रस्तावना:- माता बगलामुखी दस महाविद्याओं में से एक अत्यंत शक्तिशाली देवी हैं, जिन्हें “स्तंभन शक्ति” की अधिष्ठात्री माना जाता है। वे शत्रुओं के वाणी, बुद्धि

छिन्नमस्ता देवी की रहस्यमयी कथा और शक्तिशाली स्वरूप

प्रस्तावना:- छिन्नमस्ता माता दस महाविद्याओं में एक अत्यंत रहस्यमयी और शक्तिशाली देवी हैं। उनका नाम ही उनके स्वरूप को प्रकट करता है – “छिन्न” अर्थात

दस महाविद्याओं में एक: माता मातंगी का रहस्य

प्रस्तावना:- माता मातंगी दस महाविद्याओं में नौवीं देवी हैं, जो वाणी, संगीत और तांत्रिक विद्या की अधिष्ठात्री हैं।इनका रंग हरित (हरा) होता है और वे